चेहरे पे मुस्कराहट कभी न आएगी ,
मुसाफिर का साथ जो राह में छुट जाएगा,
अभी साथ हूँ तो बात कर लिया करो,
क्या पता कब साथ टूट जायेगा.
क़यामत तक तुम्हें याद करूँगा,
तुम्हारी हर बात पर ऐतबार करेंगे,
तुम्हें कॉल करने को तो नहीं कहेंगे,
पर तुम्हारे कॉल का इंतज़ार रहेगा.
मुसाफिर का साथ जो राह में छुट जाएगा,
अभी साथ हूँ तो बात कर लिया करो,
क्या पता कब साथ टूट जायेगा.
क़यामत तक तुम्हें याद करूँगा,
तुम्हारी हर बात पर ऐतबार करेंगे,
तुम्हें कॉल करने को तो नहीं कहेंगे,
पर तुम्हारे कॉल का इंतज़ार रहेगा.
2 comments:
Nice poem...aur bhi achi likh sakte ho :)
cute and sweet! ne1 in mind lover boi???
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